Saturday, December 16, 2017

Shiv Aarti in Hindi

 Shiv Aarti in Hindi


 Aarti, Shiv Aarthi, Shiva Aarthi, Shiva Harathi

ॐ जय शिव ओंकारा, ॐ जय शिव ओंकारा|
ब्रह्मा, विष्णु , सदाशिव, अर्द्धांगी धारा|| ॐ जय...

एकानन, चतुरानन, पंचानन राजे|
हंसानन, गरुड़ासन, वृषवाहन साजे|| ॐ जय... 

दो भुज चार चतुर्भुज, दस भुज अति सोहे|
तीनों रुप निरखता, त्रिभुवन जन मोहे|| ॐ जय... 

अक्षमाला वनमाला, रुण्डमाला धारी|
चन्दन मृग मद सोहे , भोले शुभकारी|| ॐ जय... 

श्वेताम्बर, पीताम्बर, बाघम्बर अंगे|
सनकादिक, ब्रह्मादिक, भूतादिक संगे|| ॐ जय... 

कर में मध्य कमंडल चक्र त्रिशूल धरता|
जग करता दुख हरता, जग पालन करता|| ॐ जय... 

ब्रह्मा, विष्णु सदाशिव, जानत अविवेका|
प्रणवाक्षर के मध्य, ये तीनों एका|| ॐ जय...

त्रिगुण स्वामी जी की आरती जो कोई नर गावे|
कहत शिवानन्द स्वामी, मन वांछित फ़ल पावै|| ॐ जय.

Shani stotra

दशरथकृत शनि स्तोत्र
नम:  कृष्णाय नीलाय शितिकण् निभाय च।
नम: कालाग्निरूपाय कृतान्ताय च वै नम: ॥1॥
नमो निर्मांस देहाय दीर्घश्मश्रुजटाय च ।
नमो विशालनेत्रय शुष्कोदर भयाकृते॥2॥
नम: पुष्कलगात्रय स्थूलरोम्णेऽथ वै नम:।
नमो दीर्घायशुष्काय कालदष्ट्र नमोऽस्तुते॥3॥
नमस्ते कोटराक्षाय दुख्रर्नरीक्ष्याय वै नम: ।
नमो घोराय रौद्राय भीषणाय कपालिने॥4॥
नमस्ते सर्वभक्षाय वलीमुखायनमोऽस्तुते।
सूर्यपुत्र नमस्तेऽस्तु भास्करे भयदाय च ॥5॥
अधोदृष्टे: नमस्तेऽस्तु संवर्तक नमोऽस्तुते।
नमो मन्दगते तुभ्यं निरिस्त्रणाय नमोऽस्तुते ॥6॥
तपसा दग्धदेहाय नित्यं योगरताय च ।
नमो नित्यं क्षुधार्ताय अतृप्ताय च वै नम: ॥7॥
ज्ञानचक्षुर्नमस्तेऽस्तु कश्यपात्मज सूनवे ।
तुष्टो ददासि वै राज्यं रुष्टो हरसि तत्क्षणात् ॥8॥
देवासुरमनुष्याश्च सि विद्याधरोरगा: ।
त्वया विलोकिता: सर्वे नाशंयान्ति समूलत:॥9॥
प्रसाद कुरु मे देव वाराहोऽहमुपागत ।
एवं स्तुतस्तदा सौरिर्ग्रहराजो महाबल: ॥10॥
दशरथकृत शनि स्तोत्र